इंतज़ार

अब नहीं होता है इंतज़ार
नहीं कट्टा है यह वक्त
नहीं मालूम क्या कहते है इसको
शायद इसी कोई कहते है प्यार
हाँ शायद इसी कोई कहते है प्यार
क्यों अब सिर्फ़ उन्ही का चेहरा दीखता है ख्वाबों मे
और उन्ही का नाम आता है जुबां पे
उनसे बात करके न जाने कैसे यह पल कट जाता है
अब हमसे नहीं होता है इंतज़ार

टिप्पणियाँ